सर्दियों में खाली पड़ी जगह में किचन गार्डेन कैसे बनाएं?(How to make a kitchen garden in an empty space in winter in Hindi)
किचन गार्डन में ये पौधे अवश्य लगाएं /Be sure to plant these plants in the kitchen garden
खाली प्लॉट या आंगन के गार्डन में कई सब्जी और हर्ब्स के पौधे लगा सकते हैं। जैसे की टमाटर, मिर्च, धनिया और करी पत्ता लगाना तो बेहतर आसान है, लेकिन सब्जियों की वैरायटी के लिये नेट लगाकर बेलवाली सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, खीरा, बीन्स के अलावा पत्तेदार सब्जियां करी, पुदीना, पालक, मेथी के साथ-साथ क्यारियां बनाकर बैंगन, शिमला मिर्च, गोभी, हरी प्याज(Green Onion) की फसल भी लगा सकते हैं।
ये सब्जियां(Vegetables) उगाने में ज्यादा मेहनत भी नहीं लगती और रसोई की जरूरतें भी पूरी हो जाती हैं। इन सभी सब्जियों के बीज या पौधे ऑनलाइन या किसी नर्सरी से मंगवा सकते हैं।
गमले और क्यारियां कैसे तैयार करें?(How to prepare pots and beds in Hindi)
खाली पड़े प्लॉट या बड़े आंगन में सबसे पहले बड़ी क्यारियां और गमले लगायें। आप चाहें तो ग्रो-बैग्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले बाग की मिट्टी के साथ गोबर की खाद, कम्पोस्ट, कोकोपीट और कुछ सूखी पत्तियां डालकर मिश्रण बनायें।
इस मिश्रण को गमले, क्यारी या ग्रो बैग्स में भर दें और ऊपर से रेतीली मिट्टी फैलाकर पानी दें। दो दिन बाद खाद से भरे गमले, क्यारियां और ग्रो बैग्स में खुरपी की मदद से मिट्टी को उलट-पलट कर लें और सब्जियों के बीज या पौधों को लगा दें।
बीज से पौधे तैयार करने के लिये हमेशा अंकुरित बीजों को ही लगायें, इससे पौधों को निकलने में आसानी रहती हैं। गार्डन में सब्जियों(Vegetables) के साथ-साथ कीड़े, मच्छरों और प्रदूषण को कम करने के लिये लेमन ग्रास, तुलसी, नीम, स्नेक प्लांट और एलोवेरा जैसे हर्बल पौधे भी लगा सकते हैं।
इस तरह देखभाल करें /Take care like this
घर पर सब्जियां उगाने के लिये हमेशा नीम से बने ऑर्गेनिक पेस्टिसाइड का इस्तेमाल करें। किसी भी प्रकार के कैमिकल को पौधों और सब्जियों से दूर ही रखें।
समय-समय पर गमलों, क्यारियां और ग्रो बैग्स में गोबर का खाद और चाय की बेकार पत्ती भी डाल सकते हैं। इससे पौधों(Plants) को पोषण मिलता हैं।
सुबह शाम पौधों को हल्का पानी लगाते रहे और कमजोर और बेलदार पौधों को सहारा देने के लिये नाइलॉन की रस्सी, नाइलॉन की जाली या बांस की खपच्चियों का इस्तेमाल करें।
गमलों में पौधे लगाये है, तो पानी का रिसाव होने दें। इस तरह पौधों को जड़ों तक पोषण पहुंचेगा। पौधों को कम से कम 5 घंटे की धूप चाहिए। वहीं तेज धूप होने पर ग्रीन नेट का इस्तेमाल करना चाहिये, जिससे पौधे मुरझाए नहीं।
समय-समय पर रसोई से निकले कचरे को मिट्टी के घड़े या बर्तन में डालकर जैविक खाद भी बना सकते हैं। इस तरह रसोई का कचरा गार्डन में इस्तेमाल होगा और बदले में ताजा सब्जियां रसोई तक पहुंचेगी।
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